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Mobile Buying Guide – Hindi

इन फीचर्स की तुलना same price range के मोबाइलों से या उसके नजदीकी कॉम्पिटिटर मोबाइल से करें, ताकि आप अपने बजट में बेहतर फीचर्स वाला सर्वोत्तम मोबाइल पा सकें। मोबाइल खरीदने के बाद, आप इसे कई वर्षों तक उपयोग करने का आनंद ले सकते हैं, बिना ऐसा महसूस किए कि, काश थोड़ा और इन्तेजार करना चाहिए था।

दोस्तों, अपने किसी फेवरेट सुपरहीरो को बिना उसके गैजेट के इमेजिन करो !….

क्या हुआ ? … 😜

बिना गैजेट या सुपर पावर के तो शक्तिमान 🏋️ भी गंगाधर🧍 जैसा लगता है।

है न !

वैसे हम सब भी अपनी अपनी जिंदगी की कहानी के हीरो है | जरुरत है तो बस “सही” गैजेट की, जो हमें हीरो🤓 से सुपरहीरो😎 बना दे। वर्ना जरा सोचिये की थॉर का हतोड़ा 🔨 स्पाइडरमैन 🕸️ को पकड़ा कर अगर उससे कहा जाये की “ले अब बचा के दिखा दुनिया को” तो क्या होगा । 🤣🤣🤣

हमारे लिए हमारा सुपर गैजेट होता है हमारा मोबाइल📱 जो हमें सुपर पावर जैसी शक्तियां देता है। यकीं नहीं होता तो पूछिए अपने ग्रैंड-पेरेंट्स से की अगर कोई इंसान अलार्म क्लॉक, टास्क स्केडुल की नोटबुक, एक पर्सनल असिस्टेंट, एक केमरा, एक कैलकुलेटर, एक कंप्यूटर, एक बैटरी, एक दिशादर्शक (कंपास), एक म्यूजिक प्लेयर या रेडियो, एक नोटबुक, एक मौसम की जानकारी बताने वाला कोई डिवाइस, एक वीडियो रिकॉर्ड करने वाला कैमरा, एक कैलेंडर, एक इंटरप्रिटर (दो अलग भाषाओं के लोगों के बीच बातचीत हो सके इसलिए दोनों भाषाओं को जानने वाला), एक अखबार, और ऐसी कई चीजें अपने एक हाथ में उठा के चलता तो ये लोग उसे सुपरहीरो ही मानते। लेकिन आज-कल मोबाइल सभी के पास होता है, इसलिए बिचारे की “सुपर-पावर” को हम रेकग्नाइज़ नहीं करते।

लेकिन इसका सही उपयोग करके कई यंगस्टर्स ड्राइविंग लाइसेंस मिलने की उम्र से पहले लखपती और करोड़पति💰 बन गए है ।

तो… मै… यहाँ “सही मोबाइल होने” की खूबियां क्यों गिना रहा हूँ…. ? क्योंकि आपको तैयार कर सकूँ, आगे आने वाली बोरिंग थेअरी पढ़ने की लिए। 🤣

अब जानते है की इस सुपर-गैजेट को खरीदने से पहले हमें किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। सबसे पहले अपनी जेब में हाथ डालना है🤭,… मेरा मतलब है कि, बजट तय कर लो। वो इसलिए क्योंकि बिना बजट जाने मोबाइल की विंडो-शॉपिंग से सिर्फ वक़्त ही जाया होगा। महंगे मोबाइल देखने के बाद, जब अपने बजट वाला खरीदोगे, फिर चाहे वो कितना भी अच्छा क्यों न हो, आपको सेटिस्फैक्शन नहीं होगा। दूसरों के मोबाइल देखके हमेशा यही ख्याल मन में आएगा… “थोड़ा और रुक जाते तो अच्छा मॉडल मिल जाता…” 🤧

तो इतने सालो के एक्सपीरिएंस के बाद, जो बेस्ट तरीके हम अपने कस्टमर को बताते थे फ़ोन सेलेक्ट करने के वो मैं यहाँ बता रहा हूँ।

Step 1: बजट तय करना ।
Step 2: CRB Test करना ।

क्या है ये CRB Test ? आइये जानते है।

C = CPU
R = RAM
B = Battery

CPU :

CPU मतलब मोबाइल का प्रोसेसर, जिसे हम मोबाइल खरीदने के बाद अपग्रेड नहीं कर सकते। वैसे तो एक ही मैन्युफैक्चरर के प्रोसेसर में से कौनसा बढ़िया है ये जानना मुश्किल नहीं है। जैसे, हमें पता है की, स्नैपड्रैगन 865, स्नैपड्रगन 860 से बेहतर है। मगर क्या यह डीमेंसिटी 7200 से बेहतर है ? यह जानना थोड़ा ट्रिकी हो सकता है। अगर आप प्रोसेसर टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हो तो यह चुनाव आपके लिए और भी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में अगर कोई लिस्ट मिल जाए जिसमें यह सारे प्रोसेसर रैंकिंग में लगे हो, तो हमारा चुनाव आसान हो जाता…. है न ?

तो यह है वो लिंक, जहाँ सारे प्रोसेसर अपनी क्षमता के अनुसार रैंक किये गए है।

RAM :

रैम भी हम मोबाइल खरीदने के बाद अपग्रेड नहीं करा सकते, हाँ एक्सटेंडेड-रैम जैसे नए फीचर्स आये है मार्किट में, मगर वो इतने कारगर नहीं है। इसमें स्टोरेज को वर्च्युअल RAM की तरह यूज़ किया जाता है। जिससे मोबाइल के परफॉरमेंस में फरक देखा गया है ऐसा कुछ यूजर्स का कहना है। तो सिंपल रूल बताता हूँ 2023 में RAM कम से कम 6GB होनी ही चाहिए।

Battery :

बेस्ट CPU + RAM की जोड़ी के कॉम्बिनेशन को तय करने के बाद अगर बैटरी फुस्स निकली तो समझो की गयी भैंस पानी में। ये कुछ ऐसा है जैसे स्पोर्ट्स-कार खरीद ली स्पीड से चलाने के लिए, मगर पेट्रोल की टंकी एक लीटर की ही है।🤣 बैटरी कम से कम 5000+ mAh ही होनी चाहिए। बैटरी के बाकी फीचर्स जैसे फ़ास्ट चार्ज सपोर्ट वगैरह भी जरुरी है। अब कई ब्रांड्स के साथ प्रॉब्लम यह है की वे मोबाइल में भरपूर फीचर्स देते है लेकिन बैटरी कमजोर होती है। ऐसे में अगर आप बैटरी में कोम्प्रोमाईज़ करना चाहते हो तो वो आपका डिसिशन होगा।

TIP : ऊपर बताई CRB Test करना बहुत जरूरी है। इसके बिना मोबाइल खरीदना एक गलत सौदा हो सकता है। इसके बाद वाले फीचर्स में आप थोड़ा उन्नीस-बिस कर सकते हो।

Storage:

अब इन सब के बाद आप कहोगे की, स्टोरेज को इसमें इन्क्लुड क्यों नहीं किया। वो इसलिए की स्टोरेज आप बढ़ा सकते हो। तो मैंने इम्पोर्टेन्ट फीचर्स में वही चीज़े रक्खी है जो की बदली या बढ़ाई नहीं जा सकती। आज कल सबके पास 2 सिम होना आम बात है। इसलिए, याद रखने वाली बात यह है की, सिम-ट्रे डेडिकेटेड होना चाहिए, हाइब्रिड सिम स्लॉट तो कई फ्लैगशिप स्मार्टफोन मॉडल्स का मजा किरकिरा कर दिया है। ऐसा लगता है मानो जैसे परफेक्ट शेप में कोई बॉडीबिल्डर 💪 है मगर उसके दांत नहीं है। 🤢

मेरा सीधा सा मतलब है की मेमोरी कार्ड के लिए अलग से स्लॉट होना चाहिए, नहीं तो आपको अपनी एक सिम का त्याग करना होगा। स्टोरेज के लिए आप क्लाउड स्टोरेज का भी ऑप्शन यूज़ कर सकते है। क्लाउड स्टोरेज आपकी स्टोरेज को कई गुना बढ़ा देता है।

Camera :

स्टोरेज के बाद कैमरा ही सबसे जरूरी फीचर हमें लगता है। आज कल सोशल मीडिया के ज़माने में, फोटोज और वीडियोस हमारे लिए बहोत ज्यादा मायने रखते है। फिर चाहे वो फ्रेंड्स के साथ शेयर करने के लिए हो या अपने फॉलोवर्स बढ़ने के लिए हो। ऐसे में कैमरा क्वालिटी अच्छी न होना आपके लिए एक बुरा चॉइस हो सकता है।
अब अगर कोई यह कमेंट करने की सोच रहें है की, “कैमरा भी तो बदला नहीं जा सकता तो इसे CRB टेस्ट में शामिल क्यों नहीं किया ?”… तो जवाब है की कैमरे के लिए हमेशा फिल्टर का सपोर्ट मौजूद रहता है। जब की CRB Test के फीचर्स के लिए ऐसा नहीं है। वे फीचर्स सॉफ्टवेयर से चेंज नहीं किये जा सकते।

Design & Built Quality :

वैसे इसमें ज्यादा गहराई से सोचने की कोई बात नहीं है। तकरीबन सारे फ़ोन अच्छी बिल्ड क्वालिटी के ही आते है। बस थोड़ा ध्यान रखना होगा की घोड़े के बाजार में कही गधा गले न पड जाए। आपको याद होगा की एप्पल जैसे बड़े ब्रांड ने, अपने सीरीज में एक मॉडल ऐड किया था 5C ! जो की अगर एप्पल के सारे फ़ोन एक लाइन में खड़े करें तो भद्दा सा लगता है। अपनी डिज़ाइन के लिए पसंद किया जाने वाला आईफोन का वो मॉडल ऐसा था मानो, असली तलवारों के बीच में प्लास्टिक का खिलौना रख दिया हो। तो इस एक्साम्पल से आपको याद ये रखना है की, आप चेक करले की, बिल्ड क्वालिटी बिलकुल ही घटिया न हो। यह आप उसके वजन, और साइज के मेजरमेंट से पता कर सकते है।

Software :

अब ध्यान देने वाले फीचर्स में सबसे आखरी फीचर आता है, सॉफ्टवेयर। सॉफ्टवेयर में भी बस ये देखना है कि जिस ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने में आप कम्फर्टेबले हो, उससे बहुत अलग न हो। एक बार मैंने दो बड़ी गलतियां की थी। में एंड्रॉइड यूजर था। बस शो-ऑफ करने के लिए आईफ़ोन ख़रीदा। पहली गलती ये की मॉडल था 5C, 🤮 जिसको खरीदने के बाद, मुझे लोगो को सामने से बताना पड़ता, की ये आईफोन है।🤒 दूसरी ये की इंटरफ़ेस समझते-समझते परेशान हो गया था । तब से कभी भी देखा-देखि में फ़ोन नहीं लिया। हमेशा पूरी रिसर्च करके ही फ़ोन ख़रीदा, ताकि, बाद में उसे 3 से 4 साल बिना पछताए यूज़ कर सकूँ।

इसके बाद के सारे फीचर बस आपको पता होने चाहिए इसलिए यहाँ बता रहा हूँ। एक बार पढ़ लेना। आप उनमे कोम्प्रोमाईज़ कर सकते हो।

Connectivity Option :

आपका स्मार्टफोन दुनिया देखने के लिए आपका डिजिटल पासपोर्ट है। इसलिए कनेक्टिविटी विकल्प अगर लेटेस्ट हो तो आपको अच्छा यूजर एक्सपीरिएंस मिलेगा। जाइए 2023 है तो 5G पे शिफ्ट हो जाइये। WiFi, Bluetooth, NFC, USB-C, GPS ये सारे फीचर्स लेटेस्ट हो।

Audio Quality :

म्यूज़िक और गेम से लेकर वीडियोस तक, सबका मजा किरकिरा हो जाये अगर ऑडियो क्वालिटी अच्छी नहीं होगी तो। डॉल्बी एटमॉस जैसे फीचर्स का समर्थन करें।

Biometric Security :

फिंगरप्रिंट सेंसर, फेस अनलॉक, आयरिश स्कैनर जैसे फीचर्स आपके फ़ोन की सुरक्षा के लिए बहुत जरुरी होते है।

Durability & Water Resistance :

आपके फ़ोन की बनावट, गोरिल्ला ग्लास से सुरक्षित हो। IP68 या उससे ज्यादा वाटर रेजिस्टेंस फीचर हलकी बूंदा बांदी से फ़ोन को ख़राब होने से बचाये रखता है।

फाइनली, इस Mobile Buying Guide से मिले इनसाइट्स से आप अपने अगले स्मार्टफोन लेते समय बेस्ट चुनाव करने के लिए एकदम तैयार हो। CPU, RAM और Battery जैसे प्राइमरी फीचर्स को प्राथमिकता देकर आप यह तो पक्का कर लोगे की आपके द्वारा चुना गया मोबाइल टेक्निकली स्ट्रांग है। जब भी आप अपने लिए नया स्मार्टफोन खरीदने का मन बना ले, तब इस मोबाइल बाइंग गाइड को अपना मार्गदर्शन करने दे।

 

हैप्पी शॉपिंग !

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